व्यंग्य / प्रवीण प्रियदर्शी

व्यंग्य लेखन में प्रवीण जी पुराने समय से महारथी हैं। समाज की गंभीर से गंभीर समस्याओं पर विचार करते हैं और व्यंग्यात्मक लहज़े में बहुत कुछ कह जाते हैं। वे बचते नहीं हैं, समकालीन विवादों को भी लेखन का विषय बनाते हैं। प्रस्तुत व्यंग्य को पढ़कर आपको अंदाजा लग जायेगा।  पढ़िए, बौद्धिक समाज की आंतरिक दुनिया … Read more

Share