पाँच ग़ज़लें / सत्यम भारती

सत्यम भारती अपनी ग़ज़लों में जीवन के कई श्वेत-श्याम चित्र खींचते हैं। उनकी भाषा सरल है, कहन में बनावटीपन नहीं है। रचना में यह सरलता आम-जनमानस के प्रति आस्था और स्वयं के दैनंदिन के संघर्ष के बगैर संभव नहीं है। सत्यम जी ने संघर्ष से अर्जित उन अनुभवों का बड़ी कुशलता से इस्तेमाल किया है। … Read more

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